| 1. | अध्याय दो: सुप्त ज्ञान-वैराग्य का सचेत होना
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| 2. | इस लिए पहले ही सचेत होना जरूरी है।
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| 3. | निंदनीय कृत् य... सचेत होना ही होगा।
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| 4. | विशेषकर वैश्विक मुद्दों पर ज्यादा सचेत होना चाहिए॥
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| 5. | ऐसे खतरों से हमें तुरंत सचेत होना चाहिए।
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| 6. | समय रहते आईसीसी को सचेत होना होगा.
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| 7. | अब तो विश्व को सचेत होना ही चाहिए?
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| 8. | इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी जनता का सचेत होना है।
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| 9. | इसके लिए सभी को सचेत होना होगा।
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| 10. | इस खतरे के प्रति हमें तुरंत सचेत होना होगा.
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